भूतिया हवेली का खौफनाक रहस्य

भूतिया हवेली का खौफनाक रहस्य

मेघालय और असाम के बॉर्डर के बिच एक सूनसान जंगल में रात ने अपनी काली घनी चादर ओढ़ ली थी। चारों तरफ अँधेरा ही अँधेरा था। दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था। न किसी की आवाज आ रही थी उस रात रोकी अकेले उस जंगल को पार करने में लगा था।

उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी बहुत बड़ी मुसीबत में है। इस जंगल के बारे में जाना जाता था की अगर कोई भी इन्सान सूरज ढलने के बाद यहाँ आता है तो उसे एक शैतान अपने बश में कर लेता है। वो फिर इस जंगल में हमेशा हमेशा के लिए कैद हो जाता है। रोकी को ये बात पता थी, लेकिन वो फिर भी रुक नहीं रहा था।

बस आगे बढे जा रहा था। जंगल के आखरी छोड़ पर एक नदी बेह रही थी। और उस नदी को पार करते ही असाम सीमा शुरू हो जाती थी। उस नदी के ठीक बगल में एक पुरानी हवेली थी। हवेली के आगे एक बोर्ड लगा था। जिसपर लिखा था वशीकरण बाबा। गावँ के लोगों का मानना था, कि उस हवेली में कुछ अजीब है। वहाँ ऐसी शैतानी ताक़तें हैं, जो हवेली में रहने वाले वशीकरण बाबा के मंत्रों की ताक़त से इस दुनियां में आ गयी हैं।

23 साल का रोकी अब उस हवेली के ठीक सामने खड़ा था ।

हवेली के अंदर

उस हवेली के दरवाजे पर एक बड़ा सा निशान बना था। ठीक वैसे ही जैसे किसी तंत्र मंत्र की किताबों में होता है। रोकी ने हिम्मत जुटाई और दरवाजा खोला अंदर उसने देखा कि एक बेहद अजीब सा दिखने वाला बाबा वहां हड्डियों के साथ कुछ कर रहा है। बाबा की नजर तुरंत रोकी पर गयी। अब वो ज़ोर-ज़ोर से बड़े ही डरावने तरीके से मंत्रो को बोलने लगा। रोकी बाबा को देखकर घबरा गया था।

लेकिन वो जिस मक़सद से बाबा के पास आया था, उसे पूरा किये बगैर वो वापस नहीं जा सकता था। रोकी की शादी को 1 साल होने को आया था। वो अपनी बीवी मानसी से बहुत प्यार करता था। लेकिन कुछ दिनों से मानसी के बदले वर्ताब के कारण रोकी को मानसी पर शक होने लगा था। उसे लगने लगा था, कि मानसी का किसी और लड़के के साथ चक्कर चल रहा है। इसके कारण दोनों के बिच बहुत लड़ाई हो गयी। और आखिर में बात डिवोर्स तक पहुँच गयी। और मानसी उसे छोड़कर अपने दोस्त के घर रहने चली गयी थी।

रोकी मानसी पर शक करते- करते पागल हो गया था। उसके दिमाग से मानसी का ख्याल निकल ही नहीं रहा था। सोते जागते वो बस मानसी के बारे में ही सोचता रहता। एक दिन वो ट्रेन से ट्रेवल कर रहा था। तो उसकी नज़र सीट पर लगे एक स्टीकर पर गयी, जिसपे लिखा था सिर्फ एक घंटे में खोये हुए प्यार को वापस पाएं। और इसी के साथ निचे एक पता भी लिखा था। रोकी अब उसी पते पर पहुँच चूका था। वशीकरण बाबा के पास।

बाबा के मंत्रों की आवाज अब धीमी हो गयी थी। पर अंदर एक गहरा संन्नाटा था। बाबा ने बिना रोकी की तरफ देखे उससे उसके आने का कारण पूछ लिया। रोकी ने उस बाबा को सब कुछ बता दिया।बाबा ने रोकी की बातें सुनकर एक हल्की सी मुस्कुराहट के साथ उसे एक लाल कपड़ा दिया, और कहा कि इसे धारण करके रोज रात मानसी की फोटो देखकर रोकी को ये मंत्र पढ़ना है। और धीरे से रोकी के कान में उस बाबा ने एक मंत्र कहा। इस मंत्र को पढ़ने के बाद वो बाबा फिर से अपनी पूजा में लग गया। रोकी ने बाबा को पैसे देने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन उस बाबा ने कोई भी पैसा लेने के लिए मना कर दिया।

रोकी वापस जंगल के रास्ते जाने लगा। इस बात पर ताज़्ज़ुब कर भी रहा था, कि अचानक उसे लगा की कोई उसका पीछा कर रहा है। अंधेरी रात में गॉंव की कच्ची सड़क पर चलते हुए उसे ऐसा लग रहा था कि किसी अंजान शक्ति की उस पर निगरानी हो। वो जितनी तेज़ चलने की कोशिश करता, उसके कदम उतने ही धीमे-धीमे बढ़ रहे थे। रात के 12 बजने में कुछ ही मिनट थे। रोकी अपने घर पहुँचा, उसने अलमारी से मानसी की तस्वीर निकाली, और बाबा का दिया हुआ लाल कपडा पहना और बाबा का दिया हुआ मंत्र का पढ़ने लगा।

तभी अचानक उसे ऐसा लगा कि उसे किसी काले साये ने घेर लिया है। और वो उस पर कब्ज़ा ज़माने की कोशिश कर रहा है। रोकी ने अपना सर चारों तरफ घुमाया, और ज़ोर-ज़ोर से मंत्र पढ़ने लगा। कुछ ही समय में वो काला साया वहॉं से गायब हो गया। रोकी रोज यही करता। ऐसा करते करते कई दिन गुज़र गए। लेकिन रोकी की बीवी मानसी अभी भी वापस नहीं आयी। रोकी ने फिर से वशीकरण बाबा से मिलने का फैसला किया।

हवेली में वापसी

हवेली पहुँच कर उसने बाबा को बताया, कि मानसी अब तक उसकी ज़िन्दगी में वापस नहीं आयी है। बाबा ने 3 मिनट के लिए अपनी आँखें बंद की ओर बताया कि रोकी के गले में जो लाल धागा है, वो उसके वशीकरण की शक्ति को कम कर रहा है। रोकी ने वो धागा तुरंत उतार दिया। बाबा ने ये भी कहा कि अगर वो मानसी को इस हवेली में ला सकता है, तो मानसी ज़रूर रोकी के पास आ सकती है।

उस दिन भी रोकी जब अपने घर वापस जा रहा था तब भी उसको ऐसा लगा कि कोई उसके पीछे-पीछे चल रहा है। और उसे देखे जा रहा है। लेकिन रोकी जो मानसी से बेहद प्यार करता था। उसे पाने के लिए वो कुछ भी करने के लिए त्यार हो चूका था। अगले दिन रोकी ने मानसी को कॉल किया। और माफ़ी मांगने के बहाने उसी जंगल के पास शाम को मिलने के लिया बुलाया। मानसी ने कुछ पल सोचा और फिर मान गयी।

दोनों आज बहुत दिनों बाद मिल रहे थे। बात करते-करते रोकी मानसी को हवेली के पास ले गया। जैसे ही मानसी हवेली के पास पहुँची उसे एक अजीब सी घुटन महसूस होने लगी थी। उसने रोकी को तुरंत वहां से चलने को कहा। लेकिन रोकी ज़बरजस्ती उसे हवेली के अंदर ले गया। बाबा ने जैसे ही मानसी को देखा, उसने रोकी को बाहर जाने को कहा। और दरवाजा बंद कर दिया।

पुरे 3 घंटे हो चुके थे। लेकिन दरवाजा अभी तक बंद था। रोकी को अब बहुत ज्यादा घबराहट होने लगी थी। कुछ देर बाद दरवाजा अपने आप खुला। लेकिन रोकी ने जैसे ही दरवाजे के उस पार देखा तो वो देखकर रोकी के रोंगटे खड़े हो गए। अंदर मानसी बेहोश पड़ी थी। और उसके शरीर के चारों तरफ मोमबत्तियाँ जल रहीं थी। वो बाबा मानसी के शरीर पर तरह तरह के निशान बना रहा था।

लेकिन रोंगटे खड़े कर देने वाली बात ये थी। कि मानसी के पास एक बहुत ही भयानक सा काला साया मंडरा रहा था। बाबा ने रोकी को कहा की अब मानसी वही करेगी जो रोकी उसे बोलेगा। लेकिन इसके बदले उसे इस काले साये की सारी ख्वाइशें पूरी करनी होंगी। रोकी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने मानसी को वहां से चलने के लिए कहा, तो मानसी एक कटपुतली की तरह उठकर खड़ी हो गयी।

वो एक ज़िंदा लाश से ज्यादा और कुछ नहीं थी रोकी मानसी की ऐसी हालत देखकर पूरी तरह देहल गया था। उसने बाबा से गुस्से में कहा वो मानसी को पहले जैसा बना दे लेकिन तभी काले साये ने रोकी को पीछे से धक्का दे दिया। वो काला साया बाबा में समां गया। उस बाबा का रूप एक भयानक आत्मा में बदलने लगा था। उस बाबा के चेहरे का रंग काला पड़ गया। और आंखें पूरी लाल हो गयी। और ज़ोर-जोर से हसने लगा।

उस बाबा ने अपने भयानक रूप में बोला कि वो कोई मामूली इंसान नहीं है। बल्कि वो एक शैतान का साया है। जो इस जंगल में न जाने कब से कैद था। और उसने मानसी की आत्मा चुरा के अपने आप को आज़ाद कर लिया है। और मानसी के शरीर को हमेशा के लिए अपना गुलाम बना लिया है। ये सब सुनकर रोकी वहां से फ़ौरन भागा पर वो उस जंगल से बाहर निकल ही नहीं पा रहा था।

वो जहाँ से निकलता कुछ देर बाद वो वापिस उस हवेली के सामने ही आ जाता। धीरे-धीरे उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। और वो उसी जंगल में कैद हो गया।

3 महीने बाद उसी जंगल में पुलिस को दो सड़ी हुई लाशें मिली। वो लाशें किसी और की नहीं बल्कि रोकी और मानसी की ही थी।

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3 thoughts on “भूतिया हवेली का खौफनाक रहस्य”

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