सर कटा भूत

गाँव के बाहर की सुनसान सड़क को लोग ‘सर कटा भूत वाली सड़क’ कहते थे।
एक रात, रमेश वहाँ से गुज़र रहा था।
अचानक, उसे अपने पीछे किसी के चलने की आहट सुनाई दी। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
थोड़ी दूर चलते ही उसे फिर से कुछ अजीब सा महसूस हुआ।
जब उसने दोबारा देखा, तो उसकी नजर एक सिर कटी परछाई पर पड़ी, जो धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रही थी।
घबराकर रमेश भागने लगा, लेकिन डर के मारे उसके कदम जैसे रुक गए थे।
उस भूत ने उसे पकड़ लिया। सुबह लोगों ने सड़क पर रमेश की लाश पाई—उसका सिर उसके धड़ से अलग था, ठीक उसी भूत की तरह।