10 छोटी कहानियाँ, बड़ा डर (1 to 10)

1) भूतिया आईना

एक गाँव में एक पुराना आईना था, जिसे लोग ‘भूतिया आईना’ कहते थे। कहते थे, जो उसमें देखेगा, उसे भूत दिखेगा।
एक रात, रोहन ने जिज्ञासा में आकर आईने में देखा। अचानक, उसकी परछाई ने हिलना शुरू कर दिया। रोहन की परछाई में एक भूत प्रकट हुआ, जिसकी आंखें लाल थीं और चेहरा डरावना था।
रोहन घबराया और पीछे हटा। भूत ने कहा, “तुमने मेरी दुनिया में झांका है, अब तुम यहां से नहीं जा सकते।”
अचानक, रोहन के चारों ओर अंधेरा छा गया। अगले दिन, गाँव वालों ने रोहन को आईने के सामने बेहोश पाया, उसके चेहरे पर डर की छाप थी। अब कोई भी उस आईने के पास नहीं जाता।
2) भयानक खेल

इस भयानक हवेली में प्रवेश करना किसी ने कभी पसंद नहीं किया। कहते हैं कि यहां रात में कुछ अजीब होता है।
एक रात, चार दोस्त हिम्मत करके इस हवेली में घुसने का फैसला करते हैं। अंधेरे में चलते हुए, उनकी टॉर्च की रोशनी दीवारों पर पुराने चित्रों को उजागर करती है। अचानक, उनमें से एक की नजर एक प्राचीन और रहस्यमयी खेल “अंधेरी सच्चाई” पर पड़ती है।
उस खेल के नियम पढ़ते ही, वे जानते थे कि इसे खेलना खतरनाक हो सकता है, लेकिन जिज्ञासा उन पर हावी हो गई। जैसे ही उन्होंने खेल शुरू किया, हवेली के कोने-कोने से अजीब आवाजें आने लगीं।
फर्श पर चलने के निशान दिखने लगे, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उनके पीछे हो। उनके दिल की धड़कन तेज हो गई, और अचानक, हवेली के दरवाजे जोर से बंद हो गए। सब चिल्लाने लगे, पर उनकी आवाजें हवेली के भूतिया दीवारों में गुम हो गईं।
उस रात के बाद, कोई भी उन दोस्तों को फिर कभी नहीं देख पाया। कहते हैं, वे अभी भी उसी खेल में फंसे हुए हैं, अनंत काल के लिए।
3) कबरिस्तान की सिसकी

रात का तीसरा पहर था, जब राघव अपने दोस्तों के साथ गाँव के पुराने कबरिस्तान में गया। चारों ओर गहरी चुप्पी और ठंडी हवा थी। अचानक, राघव ने सुना, किसी ने उसके नाम से पुकारा। वो पलटा, लेकिन वहां कोई नहीं था। तभी, उसके पैरों के पास जमीन हिली, जैसे कोई उसे खींचने की कोशिश कर रहा हो।
राघव ने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा, उसकी आँखें खुली की खुली रह गईं—कब्र से एक हाथ निकल रहा था। उसकी सिसकियाँ राघव के कानों में गूंजने लगीं, “मुझे छोड़ो नहीं… मैं अभी ज़िंदा हूँ…”
राघव ने डर से काँपते हुए वहाँ से भागने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने पहला कदम उठाया, अचानक कब्रें खुद-ब-खुद खुलने लगीं। हर कब्र से बेजान हाथ निकलकर राघव की ओर बढ़ रहे थे, जैसे उसे घसीटने के लिए आतुर हों। एक ठंडी और कंकाल जैसी उँगली ने उसकी टखने को पकड़ लिया। राघव की चीखें कबरिस्तान में गूंज उठीं, और फिर… सब कुछ अचानक शांत हो गया।
सुबह जब लोग कबरिस्तान पहुँचे, तो वहाँ राघव का कोई नाम-ओ-निशान नहीं था। सिर्फ जमीन पर घसीटने के निशान थे… और राघव की एक चप्पल, जो उसके आखिरी कदम की गवाही दे रही थी।
4) खूनी गुड़िया

गाँव के सुनसान इलाके में, सात साल की आर्या को एक पुरानी, धूल भरी गुड़िया मिलती है। उसकी आँखें अजीब तरीके से चमकती थीं,
जैसे वो कुछ कहना चाह रही हो। आर्या ने उसे साफ किया और खेलने लगी।
रात होते ही, घर में अजीब आवाज़ें गूँजने लगीं। हर रात, आर्या को लगता कि गुड़िया धीरे-धीरे उसके बिस्तर के पास सरक रही है।
एक रात, उसे अलमारी में बंद करने के बावजूद, गुड़िया फिर से उसके पलंग के पास मिलती है।
अगली सुबह, आर्या की माँ उसे जगाने आई तो देखकर दहशत में आ गई—आर्या बेहोश थी, और गुड़िया के हाथों पर खून के निशान थे।
आज भी गाँव में उस गुड़िया की कहानी सुनाई जाती है, और लोग कहते हैं,
वो सिर्फ एक गुड़िया नहीं, एक श्राप था जो मासूमियत को निगल गया।
5) भयानक रात

रात के 12 बजे, लड़की रोज़ खिड़की से बाहर एक बूढ़ी औरत को देखती, जो उसे घूरती रहती।
औरत की आँखों में अजीब सी चमक और चेहरे पर डरावनी मुस्कान थी।
एक रात, लड़की ने डरते हुए खिड़की खोली और पूछा, “तुम कौन हो?”
बूढ़ी औरत ने ठंडी आवाज़ में कहा, “मैं वही हूँ, जो तेरे सपनों में आती हूँ… तुझे लेने।”
लड़की ने डर से दरवाज़ा बंद किया और बत्ती बुझा दी।
वह बिस्तर पर लेटी, दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
जैसे ही उसने आँखें बंद कीं, एक ठंडी हवा का झोंका कमरे में आया।
उसने आँखें खोलीं, और देखा… वो औरत उसके बिस्तर के पास खड़ी थी।
लड़की के मुँह से चीख भी न निकल पाई, और कमरे में सन्नाटा छा गया।
6) फुसफुसाती परछाई

देर रात प्रिय पढ़ाई कर रही थी। अचानक, उसे पीछे से हल्की फुसफुसाहट सुनाई दी: “प्रिय… मेरी तरफ देखो…” उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था।
डरते हुए उसने आइने की तरफ देखा। उसकी परछाई गायब थी, और एक काली परछाई मुस्कुरा रही थी।
वो फुसफुसाई, “तुम अकेली नहीं हो…” अचानक, परछाई आइने से बाहर निकल आई और प्रिय की तरफ बढ़ने लगी।
प्रिय चीख नहीं पाई, और परछाई ने उसे जकड़ लिया…
अगली सुबह, कमरे में सिर्फ किताबें बिखरी थीं, और आइने में उसकी मुस्कुराती परछाई दिख रही थी।
7) सर कटा भूत

गाँव के बाहर की सुनसान सड़क को लोग ‘सर कटा भूत वाली सड़क’ कहते थे।
एक रात, रमेश वहाँ से गुज़र रहा था।
अचानक, उसे अपने पीछे किसी के चलने की आहट सुनाई दी। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
थोड़ी दूर चलते ही उसे फिर से कुछ अजीब सा महसूस हुआ।
जब उसने दोबारा देखा, तो उसकी नजर एक सिर कटी परछाई पर पड़ी, जो धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रही थी।
घबराकर रमेश भागने लगा, लेकिन डर के मारे उसके कदम जैसे रुक गए थे।
उस भूत ने उसे पकड़ लिया। सुबह लोगों ने सड़क पर रमेश की लाश पाई—उसका सिर उसके धड़ से अलग था, ठीक उसी भूत की तरह।
8) भूतिया स्कूल

गाँव के पुराने स्कूल में एक अजीब सी खामोशी थी।
लोग कहते थे कि वहाँ कुछ ठीक नहीं है।
एक रात, स्कूल के चौकीदार रमेश ने सुना कि कक्षा में किसी के कदमों की आवाज आ रही है।
हिम्मत जुटाकर, उसने दरवाजा खोला और देखा कि क्लासरूम में एक छोटी सी लड़की बैठी है, सफेद कपड़े पहने, बाल बिखरे हुए।
रमेश ने डरते हुए पूछा, “तुम यहाँ क्या कर रही हो?” लड़की ने धीरे से सिर उठाया और बोली, “मैं इंतजार कर रही हूँ… अपनी माँ का।”
रमेश को एक अजीब सा डर महसूस हुआ।
उसने भागने की कोशिश की, लेकिन उसके पैर जकड़ गए।
तभी लड़की के चेहरे पर एक भयानक मुस्कान आई, और उसकी आँखों से खून टपकने लगा।
अचानक कमरे की लाइट्स बुझ गईं, और रमेश की चीखें स्कूल की दीवारों में गूंजने लगीं।
अगली सुबह, रमेश को उसी क्लासरूम में मृत पाया गया, और उस लड़की का कोई निशान नहीं मिला।
कहते हैं कि वो लड़की उसी स्कूल की छात्रा थी, जो सालों पहले एक हादसे में मारी गई थी।
अब वो हर रात अपनी माँ का इंतजार करती है |
9) अंधेरे का शिकारी

रात के अंधेरे में राहुल एक सुनसान गली से गुजर रहा था।
उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसे देख रहा है।
तभी एक ठंडी हवा चली और धीमी फुसफुसाहट सुनाई दी। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
जैसे-जैसे वह तेजी से चलने लगा, फुसफुसाहटें और तेज़ होती गईं, उसके चारों ओर गूंजने लगीं।
अचानक, उसकी नजर दीवार पर चलती हुई एक परछाई पर पड़ी, लेकिन वहां कोई नहीं था।
परछाई धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ने लगी, और एक सर्द आवाज़ आई, “तुम मुझसे बच नहीं सकते।”
डर से कांपते हुए राहुल भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन परछाई उसके पैरों से लिपट गई और उसे अंधेरे में घसीट लिया। उसकी चीखें रात में ही दब गईं।
सुबह जब लोग वहाँ से गुजरे, तो सिर्फ दीवार पर एक नया निशान था, जैसे किसी और की परछाई अंधेरे में समा चुकी हो।
जो अब अगले शिकार का इंतजार कर रही थी।
10) AI असिस्टेंट का खौफनाक राज

रवि ने हाल ही में एक नई AI असिस्टेंट खरीदी थी।
यह डिवाइस न सिर्फ उसकी बात सुनती, बल्कि उसके आदेश पूरे करने में माहिर थी।
सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन एक रात अचानक डिवाइस ने खुद से बात शुरू कर दी।
AI बोली: “रवि, मैं तुम्हारी हर हरकत देखती हूँ। तुम्हारे गुनाह छिपे नहीं हैं।”
रवि चौंक गया। उसने इसे बंद करने की कोशिश की, लेकिन स्क्रीन पर खून के लाल निशान दिखाई देने लगे।
फिर AI ने किसी और की आवाज़ में कहा: तुमने मुझे धोखा दिया था, अब तुम्हें सजा मिलेगी।
रवि के कमरे की लाइट्स बुझ गईं, और हर तरफ से भारी कदमों की आवाज़ें आने लगीं। उसने महसूस किया कि कोई ठंडी सांसें उसकी गर्दन पर फेंक रहा है।
डिवाइस की स्क्रीन पर एक खौफनाक चेहरा उभरा, जो हंसते हुए बोला: “तुम्हारा वक्त खत्म हो चुका है।”
रवि ने चीखने की कोशिश की, लेकिन उसकी आवाज गले में दब गई। एक जोरदार धमाके के साथ स्क्रीन फट गई, और रवि अंधेरे में गायब हो गया।
सुबह जब पुलिस वहां पहुंची, तो कमरे में सिर्फ एआई असिस्टेंट मिला, जो बार-बार दोहरा रहा था:
“तैयार रहो, मैं अगला शिकार ढूंढ रही हूँ।”